Thursday, April 16, 2009

Latest News By Ashok Hindocha

Posted by Raju on Wednesday, 15 April, 2009



इजिप्त के राजा ने सुना की कोईँ आदमी अकेला रहेगा
सब तरह से स्वस्थ होगा फिर भी वह पागल हो जायेगा
तो राजा ने एक स्वस्थ युवक जो सब तरह सुखी था अकेले में रखा दिया


उस से कोईँ भी न मिल सके एसी व्यवस्था कर दी गए
उसकी सब सुविधा का ध्यान रखा जाता था
पर वो युवक दो तीन दिन बात बात पर बड़ा परेशान रहेने लगा
चिल्लाने लगा गुस्सा होने लगा



एक सप्ताह के बाद वो वहाँ पे रहेने को राजी हो गया
यानि के वो अब शांति से रहे ने लगा
और एक महीने के बाद वो युवक अपने आप से बाते कर ने लगा
पागल पन के कुछ लक्ष्ण दिखाय देने लगे
और तिन महीने बाद वो पागल हो गया



कोई भी आदमी अपने भीतर से बचने केलिए नशा करने लगता हे , भजन , कीर्तन करने लगता हे
माला फेरने लगता हे फिल्म ,टीवी , न्यूज़ पेपर इन सभी में
हम सारे लोग खुद को भुल ना चाहते हे .
भीतर की रिक्त ता को भुला देना चाहते हे
बड़ा पद , धन येसब अपने से बचने के बहाने हे

बहार की दोड़ भीतर की रिक्त ता को नहीं भर पाती
अभाव को भर के के लिए हम मित्र खोजते हे , सभा में जाते चाहे वो किसी की भी हो चुनावी , धार्मिक , जहा लोगो की भीड़ हो ताकि हम अपने से बच सके , संगीत सुनते हे , धर्म के नाम पर जगडें करते हे एतिहास में जितने युध्ध हुए वे सब दुसरे किसी कारण नहीं भीतर के अभाव के कारण हुए हे

जिंदगी के सारे प्रश्नों की जड़ ही अन्दर का अभाव हे
आप भी खुदके पास 30 मिनिट बैठ के देखे

नहीं बैठ पायेगे उब के भाग जाये गे
या फिर कोई बाहाना बना लेगे .........आज नहीं कल और कल कभी आता नहीं




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हिटलर Posted by Raju



जो असत्य बार बार प्रचलित किया जाता हे ।
वो सत्य प्रतीत होने लगता हे ...
हिटलर


हिटलर ने यही किया



किसी भी जुठ को बार बार दोहरा नेसे सच मालूम पड़ ने लगता हें ।

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प्यास ( Receptivity ) Posted by Raju

एक गाँव में एक हजार के करीब बस्ती थी जहा से एक फ़कीर का निकलना हुआ
तो गाँव के एक आदमीने फ़कीर से पुछा की

आप लोगो को मंदिर के सबंध में सत्य के सबंध में समजाते हे
कितने ही लोगो को समजाया होगा मगर उस मेसे किसी को सत्य मिला , मोक्ष मिला .....?


फ़कीर ने कहा आप मुझे कल सुबह मिलने आना


वह सुबह फ़कीर से मिले गया । तो फ़कीर ने कहा तु गाँव में जाओ

और गाँव में सभी आदमियों की आकाँक्षा क्या हे वो जान के सूचि बनाकर लेआना
वह आदमी गाँव में गया और सब से पूछा की आपकी क्या इच्छा हे क्या
आकाँक्षा हे किसीने धन माँगा किसी ने पद , ज़मीन जायदाद , ........


वो आदमी सूचि बना कर फ़कीर के पास आया उसने फ़कीर को सूचि बताए
फ़कीर ने कहा इसमे से कोय भी सत्य नहीं चाह्ता तो में उसे नहीं दे सकता


में लोगो को पानी दे सकता हु प्यास नहीं


अगर आपके भीतर प्यास नहीं हे
तो कुवे पर भी हम खड़े हो जाये तो भी

पानी नही दिखेगा पानी उसे दिखाय देगा जो प्यासा हे


आप को क्या चाहीये सूचि में लिखवा दीजीये॥


आप कोभी मिलेगा पर प्यास ( Receptivity ) होनी जरुरी हे ।

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धनपती

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